Description
यह पुस्तक स्वामी विवेकानन्दजी के मौलिक अंग्रेजी लेखों का हिन्दी अनुवाद है। इस पुस्तक में स्वामीजी ने पुनर्जन्म के सम्बन्ध में हिन्दू-मत तथा पाश्चात्य-मत दोनों की बड़ी सुन्दर रूप से विवेचना की है और इन दोनों मतों की पारस्परिक तुलना करते हुए इस विषय को भलीभाँति समझा दिया है कि हिन्दुओं का पुनर्जन्मवाद वास्तव में किस प्रकार नितान्त तर्कयुक्त है, साथ ही यह भी कि मनुष्य की अनेकानेक प्रवृत्तियों का स्पष्टीकरण केवल इसी के द्वारा किस प्रकार हो सकता है।
Contributors : Swami Vivekananda, Pt. Dwarkanath Tiwari