Description
श्रीरामकृष्णदेव प्राच्य और पाश्चात्त्य देशों में अधिकाधिक लोगों द्वारा आधुनिक युग के युगप्रवर्तक महात्मा के रूप में मान्य हो रहे हैं। इन महात्मा की एक अप्रतिम विशेषता यह है कि उनके जीवन के सम्बन्ध में हमारा ज्ञान संदिग्ध प्रत्यक्षदर्शियों या पवित्र किंवदन्तियों पर आधारित नहीं हैं किन्तु जैसा कि प्रसिद्ध पाश्चात्त्य जीवनीकार क्रिस्टोफर इशरवुड ने लिखा है कि यह ‘‘श्रीरामकृष्ण द्वारा असंदिग्ध रूप से कथित शब्दों और किए गए कार्यों पर’’ आधारित है। श्रीरामकृष्ण का जीवन और उपदेश उनके अनेक समकालीनों द्वारा विश्वसनीय ढंग से लिखित है। उनके प्रधान शिष्य, स्वामी विवेकानन्द अपने गुरुदेव के महत्त्वपूर्ण सन्देश की प्रांजल व्याख्या हमें दे गए हैं। एक दूसरे संन्यासी शिष्य स्वामी सारदानन्द ने ‘श्रीरामकृष्णलीलाप्रसंग’ नामक प्रलेखों से सज्जित उनकी जीवनकथा लिखी है। श्रीरामकृष्णदेव के एक विद्वान् गृहस्थ शिष्य, ‘म’ (महेन्द्रनाथ गुप्त) ने श्रीरामकृष्ण कथामृत (हिन्दी में श्रीरामकृष्णवचनामृत नाम से अनूदित) नामक ठाकुर के वार्तालापों का लगभग आशुलिपिकीय त्रुटिहीनता के साथ विश्वसनीय विवरण संकलित किया है।
Contributors : Swami Chetanananda, Sri Ramakumar Gauda