Description
ये उपदेश भगवान् श्रीरामकृष्णदेव के अन्तरंग शिष्य स्वामी ब्रह्मानन्दजी द्वारा संकलित किए गए हैं। श्रीरामकृष्णदेव की अमृतमयी वाणी ने विभिन्न देशों के लोगों को इतना मुग्ध कर लिया है कि संसार की प्राय: सभी भाषाओं में उनके उपदेश प्रकाशित हो चुके हैं। ये उपदेश इतने र्मािमक हैं कि पाठक के हृदय पर इनका चिरस्थायी प्रभाव पड़ जाता है।
Contributors : Swami Brahamananda