Description
संसार के समस्त प्राणी सुख-प्राप्ति की अभिलाषा एवं कामना करते हैं। जगत के अधिकांश लोग सांसारिक सुख-भोग में लिप्त रहते हैं और वास्तविक सुख से वंचित रहते हैं। कुछ उन्नत चरित्र के लोग संसार के अतीत आध्यात्मिक सुख की प्राप्ति की प्रचेष्टा करते हैं एवं उसे प्राप्त कर अपने जीवन को धन्य बनाते हैं। जीवन में सुख और सफलता-प्राप्ति के लिये व्यक्ति को किस प्रकार की प्रणाली का अनुसरण करना चाहिये, उसे कैसे अपने जीवन का सुसंचालन करना चाहिये इस पर विस्तृत विभिन्न दृष्टिकोणों से चर्चा इस नवीन पुस्तक ‘सुखी और सफल जीवन’ में की गई है।
Contributors : Swami Satyarupananda, Swami Prapattyananda