व्यावहारिक जीवन में वेदान्त (Vyavaharik Jeevan Mein Vedant)

SKU EBH046

Contributors

Sri Prithvinath Shastri, Swami Vivekananda

Language

Hindi

Publisher

Ramakrishna Math, Nagpur

Pages in Print Book

76

Print Book ISBN

9789353180546

Description

प्रस्तुत पुस्तक स्वामी विवेकानन्दजी द्वारा लन्दन में ‘व्यावहारिक वेदान्त’ पर दिये गये चार भाषणों का संग्रह है। साधारणत:, लोगों में यह धारणा प्रचलित है कि वेदान्त केवल सिद्धान्तों का ही समुच्चय है और दैनिक कर्मजीवन के पहलुओं के साथ उसका कुछ भी सम्बन्ध नहीं है — वह केवल बुद्धिवादियों के मस्तिष्क की चहारदीवारी तक ही सीमित है, अत: व्यावहारिक जीवन में इसका कुछ भी महत्त्व नहीं है। परन्तु इन भाषणों द्वारा स्वामीजी ने स्पष्ट दर्शा दिया है कि किस प्रकार वेदान्त अत्यन्त व्यावहारिक है तथा वह मनुष्य को किस प्रकार अपने सर्वांगीण जीवन-गठन में सहायता प्रदान करता है। इन भाषणों में स्वामीजी ने वेदान्त के प्रमुख सिद्धान्तों की आलोचना करते हुए उनको दैनिक जीवन में व्यवहृत करने का मार्ग स्पष्टरूपेण निर्दिष्ट कर दिया है; उन्होंने दिखला दिया है कि किस प्रकार राजा से लेकर रंक तक — सभी समान रूप से जीवन के सभी क्षेत्रों में इससे लाभान्वित हो सकते हैं, और इस तरह उन्होंने सिद्ध कर दिया है कि वेदान्त की उपादेयता सार्वभौम है।

Contributors : Swami Vivekananda, Sri. Prithvinath Shastri